जानिए जनरल बिपिन रावत ने किन खूबियों के दम पर उन्‍होंने पाया यह मुकाम, 2015 हेलीकॉप्टर क्रैश में दी थी मौत को मात

जानिए जनरल बिपिन रावत ने किन खूबियों के दम पर उन्‍होंने पाया यह मुकाम, 2015 हेलीकॉप्टर क्रैश में दी थी मौत को मात
साल 2014 में एनडीए की सरकार आने के बाद, सीडीएस के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई और दिसंबर 2019 में जनरल बिपिन रावत को देश के पहले चीफ सीडीएस नियुक्त किया गया था। उन्होंने जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई थी। तमिलनाडु के कुन्नूर भारतीय वायु सेना का एक विमान आज दुर्घटना का शिकार हो गया। भारतीय सेना के सर्वोच्च पद पर विराजमान सीडीएस बिपिन रावत भी इस हेलीकॉप्टर में सवार थे। हेलीकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे जिसमें से 13 लोगों की मौत की पुष्टि अब तक हो चुकी है।
सीडीएस बिपिन रावत को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए 40 वर्षों का लंबा समय लगा। इनके पिता एलएस रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर थे। रावत ने भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक उपाधि प्राप्त की। आईएमए देहरादून में 'सोर्ड आफ आनर' से सम्मानित किए जा चुके हैं रावत। साल 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सैन्य मिडिया अध्ययन में पीएचडी की। 01 सितंबर 2016 को रावत ने सेना के उप-प्रमुख के पद की जिम्‍मेदारी संभाली थी। आपको बता दें सीडीएस बिपिन रावत के नेतृत्व में भारतीय सेना मणिपुर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद सीमा पार म्‍यांमार में सर्जिकल स्‍ट्राइक की थी।

इस सर्जिकल स्‍ट्राइक में एनएससीएन के कई उग्रवादियों को मार गिराया गया था और उनके कैंप तबाह कर दिए गए थे। इस कार्रवाई में 21 पैरा के कमांडो शामिल थे। थर्ड कार्प्‍स के अधीन इस बटालियन के कमांडर उस वक्‍त बिपिन रावत थे। म्‍यांमार में की गई इस सर्जिकल स्‍ट्राइक की सफलता के बाद सरकार का जनरल रावत पर भरोसा और बढ़ गया था। नतीजतन रावत को 31 दिसंबर 2016 में सेना के तीनों अंगों का अध्‍यक्ष नियुक्‍त कर दिया गया था। कहते हैं कि इस मुकाम तक पहुंचने में रावत को पूर्वी सेक्‍टर में एलओसी, पूर्वोत्‍तर के अशांत इलाकों और कश्‍मीर में काम करने का लंबा अनुभव काम आया।

साल 2015 हेलीकॉप्टर क्रैश में दी थी मौत को मात

आपको बता दें सीडीएस बिपिन रावत इससे पहले भी हेलीकॉप्टर क्रैश दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं हालांकि उस समय विपिन रावत मौत को मात देने में कामयाब हुए और उन्हें मामूली चोटें आई थी। यह हादसा 3 फरवरी 2015 को हुआ था। उस वक्त बिपिन रावत चीफ आफ डिफेंस स्टाफ नहीं बने थे। बिपिन रावत को सीडीएस साल 2016 में नियुक्त किया गया था। बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस हैं। तब लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत सेना की नगालैंड के दिमापुर स्थित 3-कोर के हेडक्वार्टर के प्रमुख का पद संभाल रहे थे। दिमापुर से ब‍िपिन रावत अपने हेलीकाप्‍टर में सवार होकर निकले, लेकिन कुछ ऊंचाई पर जाकर उनके हेलीकाप्‍टर ने नियंत्रण खो गया और क्रैश हो गया। बताया जाता है कि हेलीकाप्‍टर के क्रैश होने होने के पीछे इंजन फेल होने का कारण था।
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