चौके छक्के पर ठुमके लगाती हैं चियर लीडर्स
अलग ही है चीयर लीडर्स की जिंदगी
आईपीएल शुरू होने वाला है इसमें अनेकों रंग देखने कोमिलते हैं और इसी कड़ी में आईपीएल की चीयरलीडर्स भी इसमें खूब रंग जमाती हैं। लेकिन आज हम आपको इनसे जुड़ी कुछ रोचक और महत्त्वपूर्ण बातें बताएंगे जो आपके सामान्य ज्ञान में वृद्धि ही करेंगी और उन चियर लीडर्स की निजी जिंदगी से रूबरू भी कराएंगी
यूरोप से आती हैं चियर लीडर्स
पिछले साल आईपीएलम में 8 टीमों में से 6 टीमों की चीयरलीडर्स विदेशी मूल की थीं जबकि चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के चीयरलीडर्स देसी मूल के रहे। क्या आप जानते हैं कि आईपीएल में ज्यादादातर चीयरलीडर्स यूरोप से आतीं हैं ना की रूस से। कुछ चीयरलीडर्स जो पहले डांसर हुआ करती थीं उन्होंने बाद में चीयरलीडर्स का प्रोफेशन ज्वॉइन किया।
कितनी होती है सैलरी
IPL में विदेशी मूल की चीयरलीडर लगभग 1500-2000 पाउंड यानी लगभग एक लाख 80 हजार रुपए हर महीने का कमाती हैं। यहां ये बताना भी जरूरी है कि यूरोपियन चीयरलीडर्स और किसी और देश से आई चीयरलीडर्स के वेतन में अंतर होता है। इन चीयरलीडर्स का वेतन उनके देश की करेंसी के हिसाब से तय होता है।
भारत में मिलती है खुशी
महिलाओं की सुरक्षा के मामलों और दुर्व्यवहार को लेकर आलोचनाएं होती रहतीं हैं लेकिन एक अखबार के रिपोर्टर से बातचीत के दौरान एक चीयरलीडर का कहना है कि कि भारत में उन्हें आकर बहुत अच्छा लगता है और यहां उन्हें किसी सेलिब्रिटी जैसा मेहसूस होता है। लोग उनका ऑटोग्राफ मांगने आते हैं।
पुरुष भी थे चियर लीडर
आपको बता दें कि इस चीयरलीडिंग का कल्चर अमरीका में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। यूरोप में भी होने वाले खेलों में इसका चलन है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि चीयरलीडिंग की शुरुआत अमरीका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिनिसोटा में हुई थी और इसकी शुरुआत किसी महिला ने नहीं बल्कि पुरुष ने की थी जिनका नाम जॉन कैंपबल था।
अलग ही है चीयर लीडर्स की जिंदगी
आईपीएल शुरू होने वाला है इसमें अनेकों रंग देखने कोमिलते हैं और इसी कड़ी में आईपीएल की चीयरलीडर्स भी इसमें खूब रंग जमाती हैं। लेकिन आज हम आपको इनसे जुड़ी कुछ रोचक और महत्त्वपूर्ण बातें बताएंगे जो आपके सामान्य ज्ञान में वृद्धि ही करेंगी और उन चियर लीडर्स की निजी जिंदगी से रूबरू भी कराएंगी
यूरोप से आती हैं चियर लीडर्स
पिछले साल आईपीएलम में 8 टीमों में से 6 टीमों की चीयरलीडर्स विदेशी मूल की थीं जबकि चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के चीयरलीडर्स देसी मूल के रहे। क्या आप जानते हैं कि आईपीएल में ज्यादादातर चीयरलीडर्स यूरोप से आतीं हैं ना की रूस से। कुछ चीयरलीडर्स जो पहले डांसर हुआ करती थीं उन्होंने बाद में चीयरलीडर्स का प्रोफेशन ज्वॉइन किया।
कितनी होती है सैलरी
IPL में विदेशी मूल की चीयरलीडर लगभग 1500-2000 पाउंड यानी लगभग एक लाख 80 हजार रुपए हर महीने का कमाती हैं। यहां ये बताना भी जरूरी है कि यूरोपियन चीयरलीडर्स और किसी और देश से आई चीयरलीडर्स के वेतन में अंतर होता है। इन चीयरलीडर्स का वेतन उनके देश की करेंसी के हिसाब से तय होता है।
भारत में मिलती है खुशी
महिलाओं की सुरक्षा के मामलों और दुर्व्यवहार को लेकर आलोचनाएं होती रहतीं हैं लेकिन एक अखबार के रिपोर्टर से बातचीत के दौरान एक चीयरलीडर का कहना है कि कि भारत में उन्हें आकर बहुत अच्छा लगता है और यहां उन्हें किसी सेलिब्रिटी जैसा मेहसूस होता है। लोग उनका ऑटोग्राफ मांगने आते हैं।
पुरुष भी थे चियर लीडर
आपको बता दें कि इस चीयरलीडिंग का कल्चर अमरीका में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। यूरोप में भी होने वाले खेलों में इसका चलन है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि चीयरलीडिंग की शुरुआत अमरीका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिनिसोटा में हुई थी और इसकी शुरुआत किसी महिला ने नहीं बल्कि पुरुष ने की थी जिनका नाम जॉन कैंपबल था।
Post A Comment: